"प्रभासंयोगः" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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०३:१८, १८ मे २०११ इत्यस्य संस्करणं
पार्थिवरसः स्यन्दनेन पत्रम् याति। तत्र तत् वायुना रञ्जकेन पच्यमानः। ततः भोज्यम् मलम् च उपाहिते।
निर्देशाः
- पराशरवृक्षायुर्वेदस्य चतुर्थोध्यायः