"मधुरै" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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०५:३४, १२ जुलै २०१२ इत्यस्य संस्करणं
तिरुमलैनायकस्य राजगृहम् –शिल्पकलास्थानम्
तमिळ्नाडुराज्ये स्थितम् एतत् राजगृहम् अद्भुतशिल्पकलापूर्णं च अस्ति । श्री तिरुमलैनायकः स्वप्रशासनकाले क्रिस्ताब्दे १६३६ तमे वर्षे अस्य राजगृहस्य निर्माणं कारितवान् । इटालियन् शैल्यां निर्मितम् एतत् राजगृहं मधुरैमीनाक्षीमन्दिरस्य समीपे अस्ति । अत्र राजगृहे स्वर्गविलासः, रङ्गविलासः इति भागद्वयम् अस्ति । परितः प्राङ्गणं सरः, पाटलपुष्पवनं, सेवकानां वसतिगृहाणि आयुधागाराः आसन् । अधुना तु स्वर्गविलास- भवनमेकमेव अस्ति । अत्र भवने द्वादशशिल्पस्तम्भाः भव्याः सन्ति । तञ्जावूरुप्रदेशेऽपि एतत् सदृशम् एकं राजगृहम् अस्ति । मध्ये गोलाकारतया निर्मितः अट्टः सारसानिकशैल्या अस्ति । आङ्गलाधिकारी नेपियर् १९ तमे शतके अस्य भवनस्य पुनर्निर्माणं कारितवान् । एतत् इदानीम् एकं सुन्दरं प्रवासीस्थानम् इति प्रख्यातम् अस्ति । अत्र ध्वनिदीपव्यवस्था कृतास्ति । सायङ्काले दीपप्रकाशेन ध्वनिश्रवणेन च अतीवानन्दः अत्र प्राप्तुं शक्यते ।
मार्गः
मीनाक्षीदेवालयतः १.५. कि.मी । मधुरैनगरे वासभोजनादिकं कर्तुम् शक्यते ।