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जयशङ्कर प्रसाद

विकिपीडिया, कश्चन स्वतन्त्रः विश्वकोशः
Jaishankar Prasad
जननम् (१८८९-वाचनिकदोषः : अनपेक्षितम् उद्गारचिह्नम १-३०)३० १८८९
Varanasi, India
मरणम् १४ १९३७(१९३७-वाचनिकदोषः : अनपेक्षितम् उद्गारचिह्नम १-१४) (आयुः ४७)
Varanasi, India
वृत्तिः Novelist, playwright, poet

जयशंकर प्रसादः (Jayshankar Prasad) (1889-1937) हिन्दी भाषाया: महान् लेखक: ।

उदाहरणकविता

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बीती विभावरी जाग री!

बीती विभावरी जाग री!

अम्बर पनघट में डुबो रही

तारा घट ऊषा नागरी।

खग कुल-कुल-कुल सा बोल रहा,

किस लय का अंचल डोल रहा,

लो यह लतिका भी भर लाई

मधु मुकुल नवल रस गागरी।

अधरों में राग अमंद पिये,

अलकों में मलयज बंद किये

तू अब तक सोई है आली

आँखों में भरे विहाग री।

- जयशंकर प्रसाद

बाह्यसम्पर्कतन्तुः

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1st Edition 2006, Published by Film Institute, Lucknow (U.P.) – INDIA http://cities.expressindia.com/fullstory.php?newsid=205657

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