अन्वेषणपरिणामाः
भवतः/भवत्याः अपेक्षानुगुणः परिणामः न विद्यते ।
अस्मिन् विकि-जालस्थाने "दंडः" इदं पृष्ठं सृज्यताम् ।
- माधव्यां माधवप्रियः ।। ५-७ ।। समस्तं नेष्यते लोकं विष्णोः पदमनामयम् ।। एष दंडः पटो ह्येष तव पद्भ्यां विसर्जितः ।। ५-८ ।। लोकपालत्वमतुलं मार्जित तेन भूभुजा
- जोर + I त्वा --- तुमसे कहता त्वां --- आप के लिए त्वै --- तुमको संबंध में दंडः --- सज़ा दंती --- उक्त दांत का एक दंश् --- काटने दंष्ट्र --- दांत दंष्ट्रा