सदस्यः:1930584 Kanchana
kanchana 1930584 पण्डित शिवकुमार शर्मा प्रख्यात भारतीय संतुर वादक हें . संतुर एक कश्मीरी लोक वाद्य होता हे . इनका जन्म जन्मू में गायक पण्डित उमा दत शर्म के धर हुआ या . रेदिफ़् कामं को दीये एक साक्षातकार में उनोम्ने कि ईनाके पिता ने ईन्य तबला और गायन की क्षीक्षा तब से आरंब कर दी थी , जब ये मात पञ्चा वर्ष के थे . इनके पिता ने संतुर वाद्य पर अन्यदिक शोद्य कीय और यह घ्र्द् निश्चय कीय कि शिवकुमर प्रथम् भरथिय बने जो भरथिय शात्रिय संगीत को संतुर पर बजाये . तब ईन्योन्य 23 वर्षे की आयु से ही संतुर बजाना आरंब किय और आगे चलकर ईणक पिता का स्वप्र पुरा हुआ .ईन्दोणे अपना पहला करिक्रम बम्बः में किय था . पन्दिथ शरमस्य पत्नी नाम मनॊरम शर्म जीनसे इन्हे द्वेपुत्रोअस्थि. जीस्त पुत्रस्य नाम राहुल शर्म, सह सन्तॊर् वदकह अस्ति. पिता पुत्रोव १९९६ से सन्थॊर् वधानां करोथि. शर्माजी राहुल पर्छति - एष्वरस्य वराधन मन्यथे थस्य शिष्यह बवथि च सन्थॊर् वधन परंगथं. शिव कुमार शर्म सन्तॊरस्य महारथ्य अभवत्. थोउव् एकह सुन्धरं संगीथं बेहि. एक मथ्र थस्य सन्थॊरस्य लोक प्रिय शास्त्रीय विद्या करोथि श्रेय भवथि. थस्य संगीथ साधन आरम्भं कुरुथि समये , सन्थॊरस्य विषयमे नचिन्थयथि. थस्य प्रथम एकधा अल्बम १९६० वर्षे अगथेहे १९६४ वर्षे सह निर्देशक मे शन्थरमस्य संगीथ कारणमस्य प्रसिध्य हिन्दी चलनचित्रं अभवत्. पुरस्कार शास्त्रीय संगीठस्य चलनचित्रं. प्लतिनुं दिस्च्क कल्लोफ़्थेवैले करनर्थनं प्लतिनुं दिस्च्क सिलसिला नाम चलनाचित्रस्य गोल्द् दिस्च्क फलस्यले हिन्दी चलनचित्रं संगीथं क्रिथह. प्लतिनुं दिश्च् चन्धिनी, नमेहे, हिन्दी चलनचित्रं कर्णर्थं विशिस्त पुरस्कारं.
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