चित्रपदा।
प्रतिचरणम् अक्षरसङ्ख्या ८
भौ गिति चित्रपदा ग:–केदारभट्टकृत वृत्तरत्नाकर:३.१४
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धर्ममतं यदि नष्टं पुष्टमधर्ममतं वा। पार्थ यदैव तदैव देहधर: प्रभवामि ॥1