वर्गसम्भाषणम्:भूमि

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विकिपीडिया, कश्चन स्वतन्त्रः विश्वकोशः

प्रकृति जब नाराज होती है, तो उसके कोप से जूझने की हमारी तैयारी अकसर कम पड़ जाती है। बाढ़, सूखा और अकाल इसी की परिणति हैं। दूसरी तरफ, प्रकृति जब कुछ देना चाहती है, तो हमारे पात्र छोटे पड़ जाते हैं और हम उस उपहार को समेट नहीं पाते।

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