सदस्यः:Adabala.Vineela82/प्रयोगपृष्ठम्
रज रज चोला | |
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जन्म | क् ९८५ |
मृत्युः | थञवुर् |
मृत्योः कारणम् | रजेन्द्र चोल परजय् |
राष्ट्रियता | भरतिय् |
नागरिकता | देवनगरि लिपि |
चोल रज्याह
[सम्पादयतु]राज राज चोळ् क्रुतजन्मन् अरुल् मोजि वर्मन् ग्न्यत राज राज चोळा । चोळ् मह राज पुरत: उपस्तिथ दिवस धक्षिन भरता कतर शासित उथर चोळा रास्ट्र्क पुरतन तमिलनदु,उथर भरतिय घट्क ,२/३ श्ःऱी लन्कन् मन्दलन्, माल्दिवेस् , प्रच भर्तिय घट्क् मफ़्ह्ये १९८५ - १०१४ सि यि। राज राज चोळ् राज वम्शा , चोलळ् वम्श ।राज राज चोळ् मात्रु जनवन् महा देवि , जनक परन्थक चोळा । सोधर्य,ब्रत्रुक कुन्ड्वै आदित्य करिकलन् , कुन्ड्वै परिथियर्। सुत: राजेन्द्र चोळा
राज राज चोला
[सम्पादयतु]राज राज चोळा भरतिय महिष्रेट्क्क् राज राज चोळा तनुल चोळा राज वम्श साहवत् , प्रबावत् साम्रज्य अध्: येन् विरजति। तञजवुरु वन्दरु ग्रुह हि द्वि चित्रक राज, राज राज चोळा कतर निर्मित महान् देवलय ताञावुरु तु येन पत्नि लओक मदेवि । अन्तरेन येन विरजति चोळा विकसित परतस् दक्षिन भरत सार्दम तसाम् विशय विकासित अतस् श्ऱीलन्क दक्षिन , कलिङ उत्तर । राज राज चिळा अभिशास्त विमुक्त विबुद नाविक आस्तयान् प्रव्रुथि यत् प्रव्रुत बन्ध मलबर् वेल , मल्देएव्स् , श्रिलन्क ।
राज राज स्थापत्य
[सम्पादयतु]राज राज् चोळा नितर्मित पिरुव्रुदयिल् कोयिल तञावुरु , एक: वर्ष्टा हिन्दु देवलय्: । अन्तरेन येन विरजति , तमिल कवि: पाट्य्या पुस्तक: अप्पर , सबन्दर, तुसुदष्न अबवन् सन्चित तु साङकलितविसदि नाम तिरुमुरै ।
राज राज चोला परिपालानाह्
[सम्पादयतु]राज राज चोळा इन्तिह द्रुदड परियोजन भुमि सर्वक्षन अर्गनिर्धरन १००० ये सि किम् नित सन्हतन जानपद व्यक्तिगत गटाक ग्न्यत वाल्नाडु।
राज राजा चोला अनुयायिन् षाइविस्म् पष्म येन सहिष्नु प्रथेमुख पर श्रद्ध तु समुक्षिथ बुद्धिस्त चुदमनि विहर निर्मन श्रि विजय राजा श्रि महविजय तुङवरमन् अभ्यर्धन।
राजा राज चोल सम्र्पिथ सम्पर्क प्रच्लथि रजस्व धुष्म ग्रमिनह् अन्वेमनगल प्रथि उछ व्रुथ्हि विहाश।
ऱाजा राजा चोला उपम्रुथ सहावु म्रुथ्य्। येन उपम्रुथ ६७ जरस्। दुर्गेश्त्शि उपम्रुथ परितहह् येन ब्रथ्रुह् म्रुथ्युह् आदित्य करिकलन् तर राकजा षजन्। येन प्रोथनिह्रर अधिस्तान तर सम्यछ् रक्षिथे।