सर्वलेखा
दिखावट
- ९
- ९.राजविद्याराजगुह्ययोगः
- ९.१ इदं तु ते गुह्यतं....
- ९.१० मयाध्यक्षेण प्रकृं....
- ९.११ अवजानन्ति मां....
- ९.१२ मोघाशा मोघं ....
- ९.१३ महात्मानस्तु मां....
- ९.१४ सततं कीर्तयन्तो....
- ९.१५ ज्ञानयज्ञेन चापि....
- ९.१६ अहं क्रतुरहं....
- ९.१७ पितामह्स्य जग....
- ९.१८ गतिर्भर्ता प्रभुः....
- ९.१९ तपाम्यहमहं....
- ९.२ राजविद्या राजं ....
- ९.२० त्रैविद्या मां ....
- ९.२१ ते तं भुक्त्वा ....
- ९.२२ अनन्याश्चिन्तयन्तो....
- ९.२३ येऽप्यन्यदेवताः....
- ९.२४ अहं हि सर्वं....
- ९.२४ अहं हि सर्वयज्ञानाम्....
- ९.२५ यान्ति देवव्रताः....
- ९.२६ पत्रं पुष्पं फलं....
- ९.२७ यत्करोषि यदं....
- ९.२७ यत्करोषि यदश्नासि....
- ९.२८ शुभाशुभफलैः....
- ९.२९ समोहं सर्वभूतेषु....
- ९.२९ समोऽहं सर्वभूतेषु....
- ९.३ अश्रद्धधानाः....
- ९.३० अपि चेत्सु....
- ९.३० अपि चेत्सुदुराचारो....
- ९.३१ क्षिप्रं भवति धर्मा....
- ९.३२ मां हि पार्थ....
- ९.३३ किं पुनर्ब्राह्मणाः....
- ९.३४ मन्मना भव....
- ९.४ मया ततमिदं....
- ९.५ न च मत्स्थानि....
- ९.६ यथाकाशस्थितः....
- ९.७ सर्वभूतानि कौं....
- ९.८ प्रकृतिं स्वामवं....
- ९.९ न च मां तानि....
- ९ अक्तूबर
- ९ अगस्त
- ९ अप्रैल
- ९ जनवरी
- ९ जुलाई
- ९ जून
- ९ दिसम्बर
- ९ नवम्बर
- ९ फरवरी
- ९ मई
- ९ मार्च
- ९ सितम्बर
- ९०
- ९००
- ९०१
- ९०२
- ९०३
- ९०४
- ९०५
- ९०६
- ९०७
- ९०८
- ९०९
- ९१
- ९१०
- ९११
- ९१२
- ९१३
- ९१४
- ९१५
- ९१६
- ९१७
- ९१८
- ९१९
- ९२
- ९२०
- ९२१
- ९२२
- ९२३
- ९२४
- ९२५
- ९२६
- ९२७
- ९२८
- ९२९
- ९३
- ९३०
- ९३१
- ९३२
- ९३३
- ९३४
- ९३५
- ९३६
- ९३७
- ९३८
- ९३९
- ९४
- ९४०
- ९४१
- ९४२
- ९४३
- ९४४
- ९४५
- ९४६
- ९४७
- ९४८
- ९४९
- ९५
- ९५०
- ९५१
- ९५२
- ९५३
- ९५४
- ९५५
- ९५६
- ९५७
- ९५८
- ९५९
- ९६
- ९६०
- ९६१
- ९६२
- ९६३
- ९६४
- ९६५
- ९६६
- ९६७
- ९६८
- ९६९
- ९७
- ९७०
- ९७१
- ९७२
- ९७३
- ९७४
- ९७५
- ९७६
- ९७७
- ९७८
- ९७९
- ९८
- ९८०
- ९८१
- ९८२
- ९८३
- ९८४
- ९८५
- ९८६
- ९८७
- ९८८
- ९८९
- ९९
- ९९०
- ९९१
- ९९२
- ९९३
- ९९४
- ९९५
- ९९६
- ९९७
- ९९८
- ९९९
- ಕೃಷ್ಣಸ್ವಾಮಿ ಕಸ್ತೂರಿರಂಗನ್
- सेरसिप
- कृषीकर: