गुरुमुखीलिपिः
गुरुमुखीलिपिः | |
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प्रकारः | अबुगिडा |
भाषा(ः) | पञ्जाबीभाषा |
स्थितिकालः | क्रैस्तवीय १५३९ तः– वर्तमानकालः |
जननस्रोतः | |
समकालीनलिपिः | प्राचीनकाश्मीरीलिपिः, खोज्की |
लेखनगतिः | वर्णानां वामतो गतिः |
युनिकोड सूची | U+0A00–U+0A7F |
गुरुमुखीलिपिः (पञ्जाबी: ਗੁਰਮੁਖੀ ਲਿਪੀ, IPA -ɡʊɾmʊkʰi) पञ्जाबीभाषालेखनार्थं एका लिपिः ।
परिचयः
[सम्पादयतु]गुरुमुखी इत्यास्यार्थः गुरुमुखात् निसृतः इति । अयं शब्दः गुरुमुखात् निसृता 'वाणी' इति अर्थमपि द्योतयति, यतोहि मुखस्य लिपिना सह कोऽपि सम्बन्धः नस्ति । किन्तु वाणीतः तस्याः भाषानिमित्तं प्रयुक्तमाना लिपेर्नामपि रूढ़प्रयोगात् आगतम् । पञ्जाबप्रदेशस्य गुरुवः अपि अस्याः भारतीयलिपेः प्रसारप्रचारञ्च कृतवन्तः । तथा न कृते सति सिन्धुप्रदेशः सदृशः पञ्जाबप्रदेशे अपि फरासीलिपिः विस्तृता आसीत् ।
वैशिष्ट्यम्
[सम्पादयतु]गुरुमुखीलिपिः अबुगिडा लेखनपद्धत्यानुश्रिता एका लिपिः । गुरुमुखीलिपेः वर्णमालायां त्रयः स्वरावर्णाः एवं ३२ व्यञ्जनवर्णाः सन्ति । स्वरवर्णेन सह मात्रां संयोजयित्वा इतरस्वरवर्णानां रचना क्रियते । एतेषां नामानि यथा- 'उड़ा', 'आया', 'इड़ी', 'सासा', 'हाहा', 'कका', 'खखा' इत्यादि । मात्राणां नामानि ('ट' कारेण सह संयोजयित्वा) यथा- ट (मुक्ता), टा (कन्ना), टि (स्यारी), टी (बिहारी), ट (ऐंक ड़े), ट (दुलैंकड़े), टे (लावाँ), टै (दोलावाँ), टो (होड़ा), टौ (कनौड़ा), टं (टिप्पी), ट: (बिदै) । अस्याः लिपेः वर्णमालायां प्रायः संयुक्तवर्णाः न सन्ति । यद्यपि बहु संयुक्तध्वनयः सन्ति ।
ब्राह्मी लिपि |
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उत्तरी ब्राह्मी
दक्षिणी ब्राह्मी
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व्यञ्जनवर्णाः
[सम्पादयतु]नाम | उच्चारणम् | नाम | उच्चारणम् | नाम | उच्चारणम् | नाम | उच्चारणम् | नाम | उच्चारणम् | |||||
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ੳ | उरा | ਅ | ऐरा | ੲ | ईरी | ਸ | सूस्सा | स (Sa) | ਹ | हहा | ह (Ha) | |||
ਕ | कक्का | क (Ka) | ਖ | खक्खा | ख (Kha) | ਗ | गग्गा | ग (Ga) | ਘ | घग्गा | घ (Gha) | ਙ | उंगा | ङ (Nga) |
ਚ | चच्चा | च (Ca) | ਛ | छछ्छा | छ (Cha) | ਜ | जज्जा | ज (Ja) | ਝ | झज्जा | झ (Jha) | ਞ | नेया | ञ (Nya) |
ਟ | टैनका | ट (Tta) | ਠ | ठठ्ठा | ठ (Ttha) | ਡ | डड्डा | ड (Dda) | ਢ | ढड्डा | ढ (Ddha) | ਣ | णाहणा | ण (Nna) |
ਤ | तत्ता | त (Ta) | ਥ | थत्था | थ (Tha) | ਦ | दद्दा | द (Da) | ਧ | धद्दा | ध (Dha) | ਨ | नन्ना | न (Na) |
ਪ | पप्पा | प (Pa) | ਫ | फप्पा | फ (Pha) | ਬ | बब्बा | ब (Ba) | ਭ | भब्बा | भ (Bha) | ਮ | मम्मा | म (Ma) |
ਯ | यय्या | य (Ya) | ਰ | रारा | र (Ra) | ਲ | लल्ला | ल (La) | ਵ | वावा | व (Va) | ੜ | राढा | Rha |
स्वरवर्णाः
[सम्पादयतु]स्वरवर्णाः | प्रतिनिधिः | ऐ पि ए | उदाहरणम् | ||||
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वर्णाः | मात्राः | क कारेण सह संयोजनम् |
नाम | यूनिकोड | व्यवहारिकचिह्नम् | ||
ਅ | ਕ | मुक्ता (Muktā) | A | a | [ə] | यथा एशिया | |
ਆ | ਾ | ਕਾ | कन्ना (Kannā) | AA | ā | [ɑ] | यथा आम्रफलम् |
ਇ | ਿ | ਕਿ | सिहारी (Sihārī) | I | i | [ɪ] | यथा इष्टम् |
ਈ | ੀ | ਕੀ | बिहारी (Bihārī) | II | ī | [i] | यथा ईश्वरः |
ਉ | ੁ | ਕੁ | उङ्कर (Onkaṛ) | U | u | [ʊ] | यथा पुस्तकम् |
ਊ | ੂ | ਕੂ | दुलैंकड़े (Dulankaṛ) | UU | ū | [u] | यथा मूकः |
ਏ | ੇ | ਕੇ | लावाँ (Lāvā̃) | E | ē | [e] | यथा वेष्टिः |
ਐ | ੈ | ਕੈ | दोलावाँ (Dulāvā̃) | AI | e | [ɛ] | यथा सैकतभूमिः |
ਓ | ੋ | ਕੋ | होड़ा (Hōṛā) | O | ō | [o] | यथा कोषः |
ਔ | ੌ | ਕੌ | कनौड़ा (Kanōṛā) | AU | o | [ɔ] | यथा कौशल्या |
देवनागरीलिपिना सह तोलनम्
[सम्पादयतु]व्यञ्जनवर्णाः | क वर्गः
ਕ --- क |
च वर्गः
ਚ --- च |
ट वर्गः
ਟ --- ट |
त वर्गः
ਤ --- त |
प वर्गः
ਪ --- प |
अन्तस्थवर्णाः
ਯ --- य |
उष्मवर्णाः
ਸ਼ --- श |
---|
मात्राः |
਼ --- ़ |
स्वरवर्णाः |
ਅ --- अ |
संख्याः |
੦ --- ० |
गुरुमुखीलिपेः यूनिकोड संस्करणम्
[सम्पादयतु]गुरुमुखीलिपिः Unicode.org chart (PDF) | ||||||||||||||||
0 | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | A | B | C | D | E | F | |
U+0A0x | ਁ | ਂ | ਃ | ਅ | ਆ | ਇ | ਈ | ਉ | ਊ | ਏ | ||||||
U+0A1x | ਐ | ਓ | ਔ | ਕ | ਖ | ਗ | ਘ | ਙ | ਚ | ਛ | ਜ | ਝ | ਞ | ਟ | ||
U+0A2x | ਠ | ਡ | ਢ | ਣ | ਤ | ਥ | ਦ | ਧ | ਨ | ਪ | ਫ | ਬ | ਭ | ਮ | ਯ | |
U+0A3x | ਰ | ਲ | ਲ਼ | ਵ | ਸ਼ | ਸ | ਹ | ਼ | ਾ | ਿ | ||||||
U+0A4x | ੀ | ੁ | ੂ | ੇ | ੈ | ੋ | ੌ | ੍ | ||||||||
U+0A5x | ੑ | ਖ਼ | ਗ਼ | ਜ਼ | ੜ | ਫ਼ | ||||||||||
U+0A6x | ੦ | ੧ | ੨ | ੩ | ੪ | ੫ | ੬ | ੭ | ੮ | ੯ | ||||||
U+0A7x | ੰ | ੱ | ੲ | ੳ | ੴ | ੵ | ||||||||||
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